उत्तराखंड के हल्द्वानी में सनसनीखेज वारदात प्रकाश में आई है। यहां बाबा हैड़ाखान के आश्रम में हनुमान जी के भक्त ने हनुमान जी की मूर्ति के सामने ही जहर खाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। आश्रम में शव मिलने से हड़कंप मच गया। आनन फानन में पुलिस को सूचित किया गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव की तलाशी ली। जिससे पुलिस को भावुक कर देने वाला सुसाइड नोट मिला। जिससे हर किसी का दिल पसीज गया।
दरअसल ब्लाक कार्यालय से रिटायर्ड कृष्णानंद पांडे का चंद्र फार्म में मकान है। वह मूल रूप से बागेश्वर जिले के रहने वाले हैं। उनके चार बेटों में 32 वर्षीय कैलाश पांडे सबसे छोटा था। कैलाश प्रॉपर्टी डीलर था। परिजनों के अनुसार कैलाश सोमवार की देर रात 12:30 बजे बाइक से कठघरिया स्थित बाबा हैड़ाखान के आश्रम में गया था। मंगलवार सुबह करीब चार-पांच बजे लोग टहलने निकले तो आश्रम में हनुमान जी की मूर्ति के सामने उसका शव पड़ा देखा। बताया जा रहा है कैलाश हनुमान जी का भक्त था और आश्रम में हनुमान जी के लिए भजन भी गया करता था। वह अक्सर यहां आकर बैठ जाता था।
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स्थानीय थाना प्रभारी के अनुसार टहलने निकले लोगों ने पुलिस को सुबह सूचित किया की एक युवक का शव हनुमान जी की मूर्ति के सामने पड़ा है। मौके पर पहुंची पुलिस ने देखा की युवक के मुंह से झाग निकला हुआ था। पास में कोल्ड ड्रिंक की बोतल भी पड़ी मिली। पुलिस ने घर वालों को भी मौके पर बुला लिया। शव पोस्टमार्टम कर दिया गया है। परिजनों से पूछताछ की जा रही है। आत्महत्या के कारणों का पता लगाया जा रहा है। शव की तलाशी लेने पर जेब से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ जिसमे लिखा था की इसके लिए सिर्फ मैं जिम्मेदार हूं। किसी को परेशान मत करना। बहुत परेशान हो गया हूं जिंदगी से। अब झेला नहीं जाता। बाबू का ध्यान रखना यार भाई लोग। सुभाष भाई सबका हिसाब निपटा देना यार सही से….